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बोले कोई पकडिले कर ना पकडले तो मने मनत्र आवरे से चोरी नोआह मनत्र बलता बलता जी एतला कोई आपने पकडिना सरएक वगद गोगोली एक गोपी नो मगज गयोआने एमा गोगोली एक गोपी नो मगज गयो केआँ अभिमाद हूं बतावी दैश तमार उदिकरो के नो शाहु कातापकड़े छुटको करूं चोरी करतो एन हाथ पकड़िन लियाओआम गोपी एक मगज मान नकी कर्यूंतो आज तारे घरे कफलमअवर बनेलू एवू के जे गोपी ने घरे जवानूएक गोपी नो सोकरोज पाछो आम मिंदली नो सब्यकिदू का आज तारे घरे तारी मा, बव, अभिमानी जेमारे एक घर, बोले चाल, मारे घरे राखीआया वेदा कफलम करता, गोपीअनाज भर्वानी कोठीनी पाछर संतानी, जो भले बदूलूटे पन, जेवा, बार निकले, माखन वाला हाथ वाली, पची पकड़ बोसचेती करीनी नी माताने प्रमान सहीत थिया, जू आ तमारो, कृष्णुसिखा तोड़िया, मातला फोड़िया, माखन नी तो गार कर,गहनरावने कुब माखन खवडल, अले पेली गोपी जोगे केबगाड एशा, अयंकर बगाड एशा, पसि के दुख बास,शोकराव निकलो, तफलम, यह मन्तर बोलता बुलता निकले,आ पाछल रहे, यह गोपी जया निकलवा गयो, आथ ले,यह गोपी नो विजय है, कृष्ण पकडा एक्यो, आज बतावी दवू यशोदा,कृष्णने तो बदू नातक आवडे, रडवा जीवा थे, गोपी रहवा दे,हवे तारे घरे पग मुके, हत्यावो बोलवा में, कोई दिवस तारे घरे ना,धमकावे कृष्ण, नख बयसाडे अन हतमा, पर छोडे रहे,आ, गोकूल ना चौक मा आगा, आकी टुकडी साथे,गोपी नो सस्रो, सवरे बैठ रहो, भगवान कृष्ण तो अनतरी आमे,यने कही, पेला सस्रा ने परिरणा तरी, पेलो खोंखारो कहई, उबो तेओ,सूर्जी उबा थिया, अतले सवायिक, लाज काड़वी पड़े,पेली गोपी, लाज काड़वा गई, अमा करिश्णनो हाथ, सूती गी,अनि लाज काड़िन, जहाथ पकड़वा गई, चा करिश्ण ये, एनाथ शोकरानो हाथ पकड़ाई दी,परमुख शकी गयं, सर्व्यने चड़ाई दी दो,यह तो बदान अनुभव है नह?हा, शोकरो पकड़ाई दी,अने करिश्ण बीजे रसते ती घरे,माने किदू, मा, बहुफ भूख लागी,क्या हत, यमनान किनाल,ले, ले जा अंदर,यहने खबर रथी, गहमणा बद्वाऊ वान,आने पहली, गोपी तो आम विजएई ना नशाम है,इशोदामात में कहता था ने,के चोकरो बहु, आत मारो चोकरो,इशोदा जी एक कवपन, तुम जोतो खरी, खन से,गोपी यह जोयू,गोपी ने आखमा, आसू आवी गया के,आवी एक मंदली गोपुण मतल,कृष्ण यापनो नाम बगाड़ी से,नंद बाबा एक कवपन, चोकरो क्या मतव थई गयव से,तमे उतावो थे,मैं तमने ना पाड़ी की, सगाई ने सू उतावो,कृष्ण यावास थांवले के,राधा ने कन्यास पड़ी गयव, बएसुद थई गयव,आकु गाम एकतरित थईयू बदा,वयद हकिमों दरवा लागया,वयद हकिमों दरवा लागया,चुकरी ने सू थईयू बदा,राधा ने मता ने थपको आपका लगयव,वयद हकिमों दरवा लागया,चुकरी ने सू थईयू बदा,राधा ने मता ने थपको आपका लगयव,राधा ने मता ने थपको आपका लगयव,चुकरी ने ध्यान राखू जुययव,कयक भूत परयत एक पयलू थययू से,कयक ने नेजर लगय गययव से, चुकरी बहू सुणदर से, बदा बहू थपकओ आपका,बहडऱ गो पियो ये रादा ने माता ने कहँ के,वरज मा कोई ने मुर्च आवे छे, तयर क्रिष्ण उतारे छे,एने कयक मनत्रू आवरे, तमे करिष्णने बुलावो,अवे अपमान करयलु येशोधा नु, एने घरे क्रिष्णने लेवा क्यम जवू,तमारी दिकरी ना जीवन मरण नो परस्टन छे, दिकरी वालाये तो पगय लागू पड़े,जाओ, करिष्णने बुलावी आओ।रादानी मातायवा येशोधा ने घरे,यशोधा जी ने खबर मली गया, एतले बदलो लेवा तयया,करिष्णने कही को अंदर रहे, बाहर नहीं जावानु तारे,करिष्णन, रादानी मातायवा छे,मारी रादाने कही थयू छे, बदा एम कहे,जे तमारो गोपाल जाने छे, मकलो,इक आही जानतो नथी छोरी सिवाय,तमहेच कहता था छोर से,एनने शु आवडे नानायवा बालक,बले, मारी बुल थयी गई, माताजी,मारी गरीब माणसों, मारी बुल थाए,आपे खस्मा करभी जुये,गपाल ने मगलो ना, बले नही पणे,एनने कही आवड तूत नती, नाना छुकरा ने शु,रादा नी माताई कही, हूं नमानू,तमारो गोपाल एं कहे के,गपाल कोई ने मुर्च आवे, उतारत नही आवर तू,तवा उजती लो, तवा पूछी लो,गपाल आमा आप,जवाब आप, रादा नी माताई पूछु,गपाल कोई ने मुर्च आवे, तने उतारत आवर तू,बले आ,आने बद्दू आवर तू,एशोधा नी आक लाल थई, तने आवरे,बले आवरे छे, पण आपडे जववने ने मा,भले ने जे थवो इथाए, आवरे छे मने,तु कहती होये तम बार जतनो,बार ने जववने, बार जाए तम सिदो तया पहचे,अनदार्ग,नन्द बाबा आवि गय,नन्द बाबा ने राधा नी महताय विनमति कर,एशोदा ने कहु, आवु नकरय, गोपाल ने जवादो,भले बालक ने कही ना उरतू पण एनो विश्वास फरस,जाओ बाबा, जा बेटू, ना बाबा, नथी जाओ आपना,बले नहीं जा, एशोदा ने कहु, जाओ, तु कहती हो,एशोदा ने कहु, जाने इच्छा सहन पाँचू,आयो किष्ण, अतो सनमान साथे आवेश ने आज तो,गोपियो बदी, घेरी वलेली, राधा जी ने आवत आवेश करूँ,हटोक, बदाने आम दूर करे,राधा ने नजीक आवे, हाथ परे, औने मोटो वयदो हई,एम गमभीर थयी ने पाँच मिनित पच्ची,मातू धुनावी डिदू, खलास्थ है,अरे अमार आवपर महरबानी कर तू,आम बोलमा, बोले अमा हूं शू करू,तमे मओडा पडया सो, मने पलो बुलाओजी,तययरी करो,ले, अरे तू आवव नबोल, महरबानी कर,बले, पडय अमा हूं शू करू,तमार समईसर मने बुलाओजी,बदा बव दुखी थया जे,गोपाल, तू तो जी मरेला ने बैठा करी शके,पण इबदू बराबर पण कई खरू हय तो थयी शके,अम तो कही शयद, कहू नही, कही, कही, दिमेरे नवली पाछी,आथनी नाडी पकडी करू करू,आम तो जने आखलास,जो, अनी रजवात तमे जो,पण, तमारा भगमा थी तो अदिकरी जने गयव,पण, समओ पकष जो भगयवान होई,सगय करि नको,अने, समा पकष नु भगयवान जो,बयति थवि उतथाए,बयती आम तो खलास उजचे,अमन कहय थवि उजचे ने,पण, सगय जो थाए, अने, समओ पकष जो भगयवान होई,सगय कहय,खेल चे, बले तो, एमा, उजचे, तवह उजचे करव, कहय नही, चवादव,तातकालिक सगय थाए तोथा,नन्द बाबा जना घर जवू, घर क्या मरसे,यशोदा जी सामे थी आयवा था, जाओव ना, आना माते जकरी ना,रदा नी मता अक्षत कुंकू,मँख मिथु करवानो पेलू लही,थाड लही नायवा, यशोदा जी नपासे,के मा, अमे अमारी रादा आपी, बोले, अमारे जोती नथी,यशोदा जी इनकार कर,बोले, नही मा, अमे अमारी कण्या तमने आपी चुक्या,यशोदा जी नपादे, रादा नी माता आगरह करे,नापाडता तयमा रादा नी मताये बार साखु पर चानलो,पाच मनित पचि कएं करीओ छरिओ चरिओ,रादा जी बहता थय,परसाद मकियं मथाययन,अने कलवं अमने रादा आपी चि,यत तमारे करे, एस्व, रादा नी मता पाच हय,करश नहय पचयं सव थययू,सगाय थययू, और हवय उन्जव, उन्जव,समओ पकष बडवान वहय,मता मथा महती मओर पीच कडवं,राधा नी उपर आम चार-पाच बार फरिवं,अनने मनमाम मा कहयकी बओलेओ,सम बओलेओ हसि तो भगवान जान,पाच मनित पचि कहयकरिओ छे,राधा जी बयथा थय,बरज मा आनंद थय,पसि तो जाने दिग वजय करिन आओ तो,एम घरय आओ, यशवदा जी,गायवनु दान बरामणोने आपे छे,गोपाल नी सगय,अमे समे ती गया अथा, तो उतमान करिलू,एसमे ती कण्णी आपी गया,माता खुब खुश छे, वदायने दान बख्षिन आपे,करिश्ण आविन पगय लागयू,मा, बले लाला ते आबदू, केयं करि,बले मा, तू मन्जूरी नथी आप्ते,नही तर आखी बार सांख चाणला थी अफाड यं भरि दो,तू सगआय सगआय सु काम,जन खली जगय नरवा दो,कोई पण मानी इच्छा होई छे,पुता ना पुतर ना लगन जलदी,अमारी कवसल्या माने आज आनंद से,के विश्वामित्र जी राम ने लईजाए,एतो,एक महान कण्या ने परणी नाओ से,पुतरो ने आशिर्वाद आको छे,बण्णे भययो ने लईजाए,विश्वामित्र जी अयोध्या थी,आगल वदवा ने तययारी परि,बलिय राव चन्रवल, शरि बाल करिषम, सद गुरू दे,ओम नवः आरवद पतय हरा,