Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
यागन वल्क जेवो पुरुष सुकाम रघु कुल नु गान परहे?आर भुषंदी जेन इथ्षाप्र मारे मरत्यु,जेन काल मारी सके नी,एक योजन मा काल थी पद्न भराए,चार गाउ दूर काल ने उपरे,अतली जनी सिद्ध भुमीका,एक भुषंदी जी रघु कुल नु वरणन सुकाम का?पण रघु कुल नी एक समिता,ववश महान छे, मिर्शांक,तल काली दास नी तरण वखत पलम पडि गय,रघु ववश नु वरणन करवा रख,पडि गय, पचव ले, पडि गय,नितर, कइतल महान कवि, मुरधन्य माणाज,पडि रघु ववश नु कथा करवा जता तरजि जाए,एस्शू लखवु, महान पू,आपे कथा संबलियस्?राल ने, अगनी ने, वयू ने, वरूण ने, पचि जितेला,एना पहला रघु यह जितेला,एम कथा आरू,रघु महराज कुब तप करिओ,अने एने वयू देव परसनथ थय, पवन देव,मांगव, मांगव, रघु यह करिओ,रघु महराज, आप देव छो, उम मानवच,मैं तप करीओ, तमने दईय, वी,तमें परसन थया, यह तो ठीक, पर मारा थी कहीं,बोले नहीं, मैंने आजना करो,रघू ने कर,बोले देव, आप परसन थया हो,तो विनंती करो, शु,जे कहं ते करशो, बोले, आओ, आदेन, बोलो,रघू नी माँगणी छी,मने वलाले, आए एक नानकडो परसन,रघू मवशनी भवयता बताए,पवनदेव, एक इचचा से,शू, मारा राशटरनी कोई बयन दिकरी,पताने गाम थि बहर दाम जति होरे,नेने पतए वाहं नी वयवसथा नो,पगय चलनी जति होरे,नेने रसता मा ठाकी जाए,ताप पडतो होरे,तो रसता मा वरक्षो आवे,अने जाड नी निचे,एथोडी वहशाम लेवा माटे,मारा रश्टनी कोई बेन, बेटी, जो सूई जाए,फो, एव आयु देव,एव वखते तमे एवि लिते वहजो,के मारा देश नी बेन, दिकरी नो वसतर, एना शरिल थी ऊंचू नथा,अवि रिते तारे मारा देश मा वावा,आरभू नी मागणी, मारा रशट नी कोई बेन, बेटी नो वसतर,पग उपर थी ऊंचू नथाय, एवि रिते तारे मारि भुमी उपर रहवा नो,तव मारा उपर परसन न थयव, तो मारए अटलू जरव,नही असत्य समपा तकपु, असत्य जमू कोई पापु,अलर राम जय आदू जपि वडावा मा आओ तुतु,राम न सवगन्द, रहु कुळ नी परमपरा,वचन नी गोशणा, सत्य परियता, बदु महराज दशरत जी एर रजू करि दिदू, कई कई, अवे सफर थवाना जि, कहन कय द�कई कई ने तुलसी दाज जी एर भिलडी कहय, अमन आ बामी नी कयता था, आवे भिलडी कहयआवा जी न कय एक कयव कयन, भिलडी, फलयव अपन भिलडी चककनकय वनवास सिवाय, बिजव कई देखात उदन देव तुल्सी, वनवास उद्दसुछ खम, बाप, ख्या गद, वनवव सुछ, अग, न गद, मानं, भव, पड़, दू, भव, भर, सव, सब, सुछ, सव, सव, सब, सव, सव, सव, सव, सव,समाज, धिल्ली नी जनू, छाडलू, चगती, अज, बचन, भयं, करवा,धिल्ली, बवचन रूपी, बाजपंखी, छओडवा माते, तययार थय, शनदार, सजय, महराज, दशरतजी, नी नजीक, आया, राजवी, ने खबर नथी, कयकई �जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,जन प्रान प्रीय शब्द वापरे,पाते बेसाडी एना पूजन थाता, जालगी की रेशके,पाते बेसाडी एना पूजन थाता,कहि परत, आज जो मा दे तुरे विना ना नम,गोपयो कहगे, ओरे बनिया ना नागे, तरा रहेत नो अमे, जानी रे लिधो बधो के,तरी रे लिला माटे सुष्टी बनावी, पक्षी चारे युवेद, आज जो मा दे तुरे विना ना नम,आज जो मा दे तुरे विना ना नम,