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अभम् नीर्विकं तो हिराचानिभूर्याग्य तरनासर्विने रुद्यातदामे समात्वंनमूतिर नहंतरसदानन्द रूपरसरोपर सरोपरसदानन्द रूपरसरोपर सरोपरपरसाम्बळमहत्मा आऊचेतमारा राजकुमार ने लिई ज़सेपर तमारा राजकुमर ये महत्मा नी साथे जशे naपचि जगत मा किसाउंधरिया ये नो जोटो नहीपचि शिवजी ने परस्ण पुच्छो से कवसल्याईभगवन एक चवाब आपशोजोईने आप बालक मोटो थयाप चीअयोध्यानी गाधी उपर बैच सेशिवजी एंया मुष्केली मा मुखानेसु जवाब आपंबड़े होष्यार जोटीशी हैकरु मा तारी बातसाती पण हजी बालक चे नइतले राज्या विशेक नी रेखा फूटी नथीकूब दक्षिना शंकर जी ने आपीतुरसी राहित्यमा लेखिंचेअधमे आदमी एक आयोबुधो बड़ो प्रमानिक द्रामनशंकर नाम कहाशंकर नाम कहातुरसी राहित्यमा लेखीसु जवाब आपंबड़े होष्यार जोटीशी हैजवाब आपपम खत्रो उतोकूब दक्षणा शंकर जी ने आपीतुरसी राहित्यमा लेखिंचेअधमे आदमी एक आयोबुधो बड़ो प्रमानिक द्रामनशंकर नाम कहायोअधमे आज आदमी एक आयोएक बुधो प्रमानिक ब्रामनआयो एने शीव नाअयने रामना जोष जोय आयोक्यामा कूब बोटो उत्सव उजवायोकाग भुषंडी जी तो भवानी त्यां क्यारोकाई गया रामनु बच्पनकाग भुषंडी जी बालक रामशंकर जी केवल बाल रूप ना प्रेमी सेबन्ने जन जरे जरे निवेदन करे सेत्यारे आं शब्द प्रयोग मा बवु ध्यान रागेबन्दवु बाल रूपरोय रामबन्दवु बाल रूपबन्दवु बाल रूपरोय रामसंकर जी वनदना करे त्यारे बलेमलरूप पदलेबसंडी जी बालइष्तदेव ममबालग रामइष्तदेवइष्तदेवसोभावकुष्यआवावकुष्यआवावकुष्यसविकर भगवानआरिए पेचनशरभ जी दकषिन आपीलईन गयाब्रामणों ने बदुरेशियाकाग भूषंडी जी भगवाननी बाल लिला चालेत्यां सुधीअवदि आरुखायाएक मेंा सुधीसुर्य अस्त न पामेतुल्सी ने तो पोतानी शर्द्धाये अपनी शर्द्धा पर लिख रहे हैप्रकुरुति नो मालिकगिता कहे जेनिय आगिनाथी चांद सुरैज चम्केगती करे ये परमेश्वरनराकार थययो हैकदाच सुरिय नारायनथंभी जायेअथ्वाएक मेना नो सुरिय थयययोएना अर्थसंतोय एवो पण करेयोकि भगवान राम न दर्शन करवामासुरिय नारायनउपर थंभी गयाकि हमना दर्शन करूपण कवसल्या मा राम ने महल मा थी बाहर लावेतयरे दर्शन करी शोमा अंदर ने अंदर चेवो एक महीनो देखेबनवा जुख जाराम जी नु परवयत्व था यूलोको इतला वदा ब्रम्मान अंदमा दूब्या हाँ सेकि सुरज क्यारे आत्मेसवार क्यारे पड़े चेनि कोई न खबर नतीआज यूगो पची एक कतानु गान करियेक्यारे नवु दिवस क्यम जता रहे चेकहबर नती पड़तीतो इक कतानो नायक जेदी स्वयम परिग्ट्यो होईक्यारे एक महीनो लोकोने क्यम गयोएनो ख्याल न रहे होईतो ये बिल्कुल सहच सभाविचएक महीनानो दिवस थयोकोईने मरवनी खबर न पड़ीबगवान नु गुनगान करता करतासुरिय देव आगल वध्याआम सुन्दर उतसव अयोध्या मा उजवातो रहोचारे बालको न दर्शन करीलोको पोतानी जात ने धन्य धन्यमानेशेतुलसिदास जी अवर परसंग लखेजेनाम करन संस्कारविराम अने विश्रामन अनुभव तहस्आनन्द नो सिंदु सुख नी खान चेजेना स्मर्ण ती लोको ने आराम न अनुभव तहसेएनु नाम मुं राम राखो चुबाबा जी ये नाम करन करता कहीये लोक ने विश्राम आपशे माते एनु नाम राम