मिल्की पाल, राजी पापलपानी परिशाने नहीं मानेला तु बाते सइया, धली लगारे तु बहरा केकोई संतु बाड़ा महरा दे सइया, तनी को बुझाला न तहरा केधनिया के अपना माने लिना बाते जे, दिना बातो कटे जाला, कटे नहीं राते जेअकिले घर में राजा अबना रहाला, लाधान तो हारे अब तनी मैस तो हालाधनिया के अपना माने लिना बाते जे, दिना बातो कटे जाला, कटे नहीं राते जेहोने मैं कोईला जत बहरा, तु कोईला तत्रे, आपे नया बात हमारा केकैसं तु बाड़ा महरा बे संया, तनी को बुझहाला न तहरा केपिया पंकाज हमार तड़पे जावानी, पैसं बड़ा महरा तु न बुझहाला परसानी, बहरा में जानके गंगा, हम के भुलाईला, गवाना का रांके बड़ा तु सासताईलापिया पंकाज हमारा तड़पे जावानी, पैसं बड़ा महरा तु न बुझहाला परसानी, बहरा में जानके गंगा, हम के भुलाईला, गवाना का रांके बड़ा तु सासताईलासुनाई सइवनाई, हारे तु आयी बचा, लेके जाएगा नुझ हर देवाराखेपिया पंकाज हमारा तु न बुझहाला परसानी, बहरा में जानके गंगा, हम के भुलाईला, गवाना का रांके बड़ा तु सासताईला परसानी, बहरा में जादा