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Pankaj Yadav
Kalaki Avtar Iit Baba

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बाद्यो बानमाशेर क्या बात है
यहा यहा यहा
देखा हमरे माशेर सहा गीत के संकेश केलना
पर्मा भाई, कोणो लईकी लईका का मेटर बा, कोणो लईकी के देख के हर राम भीया मर भीया कोणो लईका कोहले बा, का कोहले बा
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
सुभार बड़ी लागे लू
अखिये से बॉली दागे लू
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
सुभार बड़ी लागे लू
अध्यात्मिक भाव संतों की गरिमा है होती
आज बिज्ञान को लोग छोड़ करिके पीछे
अरा भक्ती की गरिमा में संतों की मोती
बिज्ञान के संतों की मोती
सहमे होकर इंजिनियर
सोरभ में सालमी
जमकती हा जोती
कभीशा मलाल आज पच्छतावा खाकर
मम्ता भी लख कर के माया में रोती
सुनारी decreed
आज बिज्ञान की मोती
लोग छोड़के
तक दरने को ठोड़क предभंदें
आज बिज्ञान के संतों के सालमी
अरा भक्ति नत employees
आज बिज्ञान के सालमी
सुनारी decreed
जहाँ में गजल का लाइन लग गई
तरस बढ़िया मरी विरहा का फरजवा
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
एये शमर विरहा का शुरुवात धोगन माईश्टर साहब सेर के लाइन से आजा
भक्तों के आगे ध्यान भी अध्यान हो गया
जैसा जो किया है वो भरमान हो गया
प्रांतर्स
प्रांत हर्याना जजर जिला जी निराला है
उसी जनपद में ससर उलिगाम जाना है
मा पीता का बेकाय भैशिंग सितारा है
चफल परिवारी
अपने हरियाणा प्रांथ में एक जिला बा
जोने जिला का नाम जजर बा
वो ही जिला के अंतरगत एक ठेगाँ बा जोना का नाम बा ससर अउली
वो ही जाकर रहे वाला बाबू अभयशी
मता पिता का लाल दुलार रहलन पढ़ाई करता था
मेहनत किया मालिक ने फरियाद को सुन लिया
और बाबू कम्प्यूटर इंजिनियर बना
आज लाखो लाख की तनखा है
मा बाप का सहरा बन गया बेटा
समय भीते लगल बाबू जाकर उशी बंबई में नोकरी करने लगा
नोकरी करे लगलन
लेकिन कुछ ऐसन घटना घट गईल बाबू
कुछ ऐसन लोगन का भेट हो गई
जो नाके अपने हिंदू परंपरा के अनुसार कह जला संत
जब भेट भैल तो धीरे धीरे कहानी बदले लगल
का बदल लगल माश्टर बिरहा में तो नहीं गीत बदल गई
तरस से बनिया मेरे बिरहा का फरजवा
अरे अभा सिंगा करे लगले अच्छा पढ़ है या हो
इंजिनियर वाल सपना सकार जी
अरे बामबे में लगली इंजिनियर के नोटी
करिया हो आरे मिले घर से ममता दुलार
परिवार के लोगों से ममता दुलार मिलने लगा प्यार मिल रहा है
और इधर अभाई सिंग के साथ संतों का भी मेला लग रहा है
देखते देखते वो लड़का धीरे धीरे कहीं ने कहीं अध्यात्म के तरफ चल दिया
अजब चला है माईशो तो भी रहा मैं गीत बदल गई
कोरो मर्दे का महरारू
अपनी मर्दा से कोहत दिया है
की लगत है की एबो शमान हम्ड आप पुरान हो गई
पुरान हो गई
तोपकै बहुत जनी ला
� desired के ना
एक कदम मर ठमकतूk या नहीं जाना
अपने मालिकाईन के बढ़िया शमान तो नहीं खा स्कूल खाए
रा जा पहिल नहीं जा दिया नहीं �
के До
के Do
अपना में हरिके वेर जैसे मनेला
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
ता अपनी जीनिगी के सपना काहे तोड़े लोए जान
बाबू जब वह लड़का अभेशिंद बैरा के तरफ मुक को मूडने लगा
माता पिता से बात हुई
माई कहते बिललहू
हमार बेटा हमार राजा हमार सुना
आज तुम स्वहरत की बलंदियों पे हो
आज पुरा समाज तुम्हारा सम्मान कर रहा है
ये क्या कर रहे हो
अगर तुम नहीं रहोगे तो हम कहां जाएंगे
लेकिन बाबू कहल जला कीजे कर रामे में मन रुम गई
तो के दुनिया का कौनों ताकत ना रुख सकेला
समय बीतत बाबाबू
धीरे धीरे भाईं समय कुछ हागे बीतल तलने से
अब रहा हमें औरी गीत बदलेंगे माश्टर भाईल का
कौनों मेहरारू बिया हो गईं तोल पहुनवा भर्ती हो गईं
सिपाही का नोकरी पा गईं
उहे मेहरारू और पर्मा भाई कहल रहे
संया जात बाड़ा पुलिस की महलिया में
कुछाऊं लेते आईहां
लाला की रूमलीया में
बेटा रोसन कई लाला
में
यपनी घारावा के
माई फ़रमा पर कहती बागी बाबू हो
बड़ा नाम रोशन बाग
यगो बास सुनका
बेटा रोशन कैला नाम
यपनी घारावा के
जानी भुली हाई ललव
जानी भुली हाई यही
माई की दुलारावा के
जानी
बंबे से लोगावा
बंबे से कैले
कनड़ा के पया नामा
बहुते रुपिया कमा के
सोना है सोना
रुपिया कमा के लोगा
अपनी भावा नामा
संत सेवकारी माने
लाजिया रावा के
आज ओ लाइका के इरदे में
घूस दिल बैगो बा
बड़ा रुपिया पैशा कमा के
परिवार के देहली
आप बहुत कमाईली लेकेने
दुनिया में कुछ बाना ही
कहला का मतलब की
कुल कमा के परी
सामने लाइका के लोग को ताकि
जीरो कुआईना
कमा के हम जीरो पानी हीरो
नहीं का
कहना है क्या
संत सेवकारी माने
लाजिया रावा के
संत सेवा कारी माने
लाजिया रावा के
जनि भुलै हा बाबू
माई की दुला रावा के
लाजिया रावा के
उससे बड़ा दुनिया में कोई होने वाला नहीं है
तो
आज माई बाबू को भी बात सुने के बाद
लेकिन मौन
घरे लागत नहीं खे
मौन तो कोई औरी बाबू चिला चाल में
राम की भजन में
प्रभू की भजन में
भक की भावना में
समय बीतत हो
घरे इलन
बहुत हन संपदी कमा के भाई जो लड़का
25 लाग कंप्यूटर इंजिनियर है
25 लाग 30 लाग रुपया जो उसके महिने की सेलरी है
बहुत कमाया रुपया पैसा
लेकिन आज उसको रुपया पैसा
एक पैसे का नहीं भा रहा है
समय जब इतल बाबू तब भी रहा की सेली में कविजी के लिखे के पर रहे है
किये अरे मूरा राम
अरे मूरा राम ने
जीवन की आशा कोरी रह गई
अरे जीवन की आशा कोरी रह गई
शाति
जीवन की आशा कोरी रह गई, साध में लीन हो गई, किश्मत की आज डोरी।
बाह, वह लड़का भक्ती भावना में रम गया, कहा कि माई, ये बाबू जी जे तनी बाय मापन गुजारा करल।
तनी हमरों को गुजारा करे दा, लेकिन घरवा का लोगवा समझ नाई पावत हुआन।
भाईल कमाशर विदेशिया के लाइन में कहेंगे भावना।
बीजादी गयल सादुव वही बंबई की सहरीया क� zest यीवन का संदे लेता।
फिर नुवसं सत्रे मुलाकार हुआ थे अगली नकरी को तयाग दिया।
अध्यात्मी पर खतन कर दिया।
इसे अध्यात्मका में ग्यान हो गया, बाबू, सबसाइबा भी झाला हुई।
खजाना पा जाता है, भाईल का, माई बाबू खोजे घर, नाही याइने बेटवाओ, अरजनिगिया मातर रखले, ओही मंदिर की तुवरिया,
जिन्दगी को अपने प्याप्त करने लगा, बाबू, बामबा देवी के, आप लोग जो भाई गए होंगे, बंबई में, बामबा देवी के, जो मंदिर है, उसी मंदिर पर अपने जीवन को यापन करने लगा,
और बैठ करके शुवह में, कुछ परसाद के रूप में पा जा रहा है, वही लड़का खा रहा है, बाबू, थोड़ा इस विराप गोर करेंगे, मैं पंकर जादो इस बात को कह रहा हूं, अपनी बेटा बेटी खाती सभे कमाता भाईया, लेकिन, कि वो अपनी मुक्ती धा
यार बाबा का, अरे नममा साहूर भैले, अरे आई महा कुम्ब प्रयाग की सहरिया, नागा साधू जुन्ड रहें, अरे बाबू भीडिया शेफे मस रहें,
अरे ले बेला गले सबाही का, वो ही बाबा हो खाबरिया,
इलाहाबाद के धर्दी पे वो लड़का आया, इंजिनियर, नागा साधू के साथ, जब आया, मीडिया शेनल वाले जब बात करने लगे,
तो वहाँ,
जो इंजिनियर शाब है, नागा साधू के साथ आये थे, जब बात होने लगी, वही प्रयाग राज में, बाबू, इलाहाबाद, प्रयाग राज, जहां हमारी तीनों नदियों का संगम होता है,
जिनको लोग कहते हैं, कि यहीं गंगा, जमना, सरसती, तीनों नदियों का संगम होता है, महा कुमुका मेला है, और छोटे-छोटे शेनल वाले, जब सभी संत, साधूओं से अपना-अपना बेवरान लेने लगे,
वहीं मैं बाबा उहो भेटा गए लेना हूँ, और जब बाबा भेटा गए लेना हूँ कोई चेनल वाले से, जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लगल माशिर, तो भैल का भी रहा मैं गीत लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय,
जब मेडिया चेनल पहुँचल बाबो, बाबा से पर्चे पुष्ठने लगे लो,
तो बाबा बताओ थो, का बताओ थो,
बाबा बताओ थो, सगरी बात कुंभा में लाबा में,
बाबा बताओ थो, सगरी बात कुंभा में लाबा में,
पववा पखारे लगले, पववा पखारे लगले, संतन किरे लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
सबका नशीब यपना की समथ की खेलावा में
सबका नशीब यपना की समथ की खेलावा में
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
बाप रे बाप
हाहाकार मच गया कुम्ह के मेले में
कि एक ऐसे भी बाबा आये है
शाहे अंग्रेजी में बतियाला
भुजपुरी में बतियाला
चाहे हिंदी में कोनो भासा में बतियाला
कई जगह से घुमल फिरल हुवन बाबा के सब जानकारीब है
बाह अध्यात्म का ज्ञान किये संतों के साथ
आज पूरे कुम्ह के मेले में हाहाकार मच गया
जब अपनी पूरी आपदिती को बताया
कि मैंने माँ पाप को शब को शोड़ दिया
और
आज एक जोगी फकीर का जिन्दगी जी रहा हूँ
संतों के साथ जी रहा हूँ
मुझे धन, दौलत, वैभो, संपती से मतलब नहीं है
अगर मतलब है
तो परमपिता परमिश्वर से मतलब है
हमें वो चाहिए
बाकी दुनिया में कुछ नहीं चाहिए
गीत में भाव लगें मास्टर
अरे उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
जब अत्यापु का ज्ञान हुआ बाबा अभाय सिंग को
जब ज्ञान अत्यापु भाई तो वही मिलावा में कुछ शुकरे लगलन का
लोगन का दुख शमतकार कर लगलन लोगन का दुख हरे लगलन
जे के आशिर्वाद लोग एडम ठीक हो जाता है
भाईल का बाबा करे लगलन चमतकार हो
बाबा करे लगलन चमतकार हो जवानावा सासिश माँ
आशिर्वाद लोग एडम ठीक हो जाता है
बाबा करे लगलन चमतकार हो जवानावा सासिश माँ
धन्यप्र यागिराज का धर्म की बोलवली
संगप धर्म वाला धर्म के सिखवली
नहां के बाबा ए बाबा
मा बोहल नहां के तर तारू हो जहां नमाया सिसमाने
बाबों बाबा की स्वहरत होने लगी मेडिया पत्रकार वालों ने पूछा बाबा आखिरकार इतना कुल पढ़ाई लिखाई कही के
कि इतना व्यवस्था करके आप जोगी क्यों बन गए या तो आपकी गर्लफेंड होगी वह धोखा दी होगी तमाम प्रकार से
चाम स्वाल बाबा से किए जा रहे हैं लेकिन बाबा ने बताया है कि किसी त्याग इसलिए एक चीज कारण नहीं
होता बोध कारण होते हैं मैं आप लोगों से बताने चुकांडी है बाबा ने बताया इस बात को आश बाबा का नाम दुनिया
में सुहरत पर बुलंदीयों सुहरत के बुलंदीयों पर चल रहा है लेकिन बाबू सुहरत के बुलंदीयों पर चल रहा है
जिसका कारण वाइरल है आज हमारे सॉसल मेडिया है क्या बात है लेकिन बाहर परियाग राज गधरती
जहां जे जाई उकुष पा के आई
यही से हमरे कभीजी के आलहा के लाइन में लिखे के परल
का लिखे के परल
प्रयाग राज धरती
अर संगम की नगरिया बाबू
बोरे बोरे रिसी संत भाई ले आवातारिक
अईले इंजिनियर बाबा सर दूनिया में लोगावा
कोई सान माना आवार में भाई
लोगावा
बाबी चारे
बड़े साइंटिक्स रहला
रहला कैसे नमवा बाबू
बाबा या पन पातिया
कहेला सबसे लाइन
सब कुछ छोड़िके जैवा
बाबा या पन पातिया
सुर्ग के नगरिया बाबू
धाना दाउला पिया
कमाई लिया पारी
संत सेवा केली जिनगी
केली समर्पित रामा
जुट गई ले माई बापू
जुट गई ले माई बापू
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
कि जे जे खाड़ स्वामी गुरु जब तु की लहरे फुलवारी
क्या बात है
क्या बात है
तुरिष्ट सने ही सिरी नरायन मितबाय वदि पिहारी
तो जीवन की आसा कोरी रह गई
जीवन की आसा कोरी रह गई
पंकज शाम लाल जीवन यन बल की डोरी
जीवन की आसा कोरी रह गई
तो जीवन की आसा कोरी रह गई
अपना कोड़े जाता है
यहा यहा यहा
देखा हमरे माशेर सहा गीत के संकेश केलना
पर्मा भाई, कोणो लईकी लईका का मेटर बा, कोणो लईकी के देख के हर राम भीया मर भीया कोणो लईका कोहले बा, का कोहले बा
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
सुभार बड़ी लागे लू
अखिये से बॉली दागे लू
आरा के उठलाली में
बॉलिया के बॉली में
सुभार बड़ी लागे लू
अध्यात्मिक भाव संतों की गरिमा है होती
आज बिज्ञान को लोग छोड़ करिके पीछे
अरा भक्ती की गरिमा में संतों की मोती
बिज्ञान के संतों की मोती
सहमे होकर इंजिनियर
सोरभ में सालमी
जमकती हा जोती
कभीशा मलाल आज पच्छतावा खाकर
मम्ता भी लख कर के माया में रोती
सुनारी decreed
आज बिज्ञान की मोती
लोग छोड़के
तक दरने को ठोड़क предभंदें
आज बिज्ञान के संतों के सालमी
अरा भक्ति नत employees
आज बिज्ञान के सालमी
सुनारी decreed
जहाँ में गजल का लाइन लग गई
तरस बढ़िया मरी विरहा का फरजवा
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
जिन्दगी का भरोसा किसने किया
एये शमर विरहा का शुरुवात धोगन माईश्टर साहब सेर के लाइन से आजा
भक्तों के आगे ध्यान भी अध्यान हो गया
जैसा जो किया है वो भरमान हो गया
प्रांतर्स
प्रांत हर्याना जजर जिला जी निराला है
उसी जनपद में ससर उलिगाम जाना है
मा पीता का बेकाय भैशिंग सितारा है
चफल परिवारी
अपने हरियाणा प्रांथ में एक जिला बा
जोने जिला का नाम जजर बा
वो ही जिला के अंतरगत एक ठेगाँ बा जोना का नाम बा ससर अउली
वो ही जाकर रहे वाला बाबू अभयशी
मता पिता का लाल दुलार रहलन पढ़ाई करता था
मेहनत किया मालिक ने फरियाद को सुन लिया
और बाबू कम्प्यूटर इंजिनियर बना
आज लाखो लाख की तनखा है
मा बाप का सहरा बन गया बेटा
समय भीते लगल बाबू जाकर उशी बंबई में नोकरी करने लगा
नोकरी करे लगलन
लेकिन कुछ ऐसन घटना घट गईल बाबू
कुछ ऐसन लोगन का भेट हो गई
जो नाके अपने हिंदू परंपरा के अनुसार कह जला संत
जब भेट भैल तो धीरे धीरे कहानी बदले लगल
का बदल लगल माश्टर बिरहा में तो नहीं गीत बदल गई
तरस से बनिया मेरे बिरहा का फरजवा
अरे अभा सिंगा करे लगले अच्छा पढ़ है या हो
इंजिनियर वाल सपना सकार जी
अरे बामबे में लगली इंजिनियर के नोटी
करिया हो आरे मिले घर से ममता दुलार
परिवार के लोगों से ममता दुलार मिलने लगा प्यार मिल रहा है
और इधर अभाई सिंग के साथ संतों का भी मेला लग रहा है
देखते देखते वो लड़का धीरे धीरे कहीं ने कहीं अध्यात्म के तरफ चल दिया
अजब चला है माईशो तो भी रहा मैं गीत बदल गई
कोरो मर्दे का महरारू
अपनी मर्दा से कोहत दिया है
की लगत है की एबो शमान हम्ड आप पुरान हो गई
पुरान हो गई
तोपकै बहुत जनी ला
� desired के ना
एक कदम मर ठमकतूk या नहीं जाना
अपने मालिकाईन के बढ़िया शमान तो नहीं खा स्कूल खाए
रा जा पहिल नहीं जा दिया नहीं �
के До
के Do
अपना में हरिके वेर जैसे मनेला
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
कमी भाईले बलम वा तुहारा प्यार में
ता अपनी जीनिगी के सपना काहे तोड़े लोए जान
बाबू जब वह लड़का अभेशिंद बैरा के तरफ मुक को मूडने लगा
माता पिता से बात हुई
माई कहते बिललहू
हमार बेटा हमार राजा हमार सुना
आज तुम स्वहरत की बलंदियों पे हो
आज पुरा समाज तुम्हारा सम्मान कर रहा है
ये क्या कर रहे हो
अगर तुम नहीं रहोगे तो हम कहां जाएंगे
लेकिन बाबू कहल जला कीजे कर रामे में मन रुम गई
तो के दुनिया का कौनों ताकत ना रुख सकेला
समय बीतत बाबाबू
धीरे धीरे भाईं समय कुछ हागे बीतल तलने से
अब रहा हमें औरी गीत बदलेंगे माश्टर भाईल का
कौनों मेहरारू बिया हो गईं तोल पहुनवा भर्ती हो गईं
सिपाही का नोकरी पा गईं
उहे मेहरारू और पर्मा भाई कहल रहे
संया जात बाड़ा पुलिस की महलिया में
कुछाऊं लेते आईहां
लाला की रूमलीया में
बेटा रोसन कई लाला
में
यपनी घारावा के
माई फ़रमा पर कहती बागी बाबू हो
बड़ा नाम रोशन बाग
यगो बास सुनका
बेटा रोशन कैला नाम
यपनी घारावा के
जानी भुली हाई ललव
जानी भुली हाई यही
माई की दुलारावा के
जानी
बंबे से लोगावा
बंबे से कैले
कनड़ा के पया नामा
बहुते रुपिया कमा के
सोना है सोना
रुपिया कमा के लोगा
अपनी भावा नामा
संत सेवकारी माने
लाजिया रावा के
आज ओ लाइका के इरदे में
घूस दिल बैगो बा
बड़ा रुपिया पैशा कमा के
परिवार के देहली
आप बहुत कमाईली लेकेने
दुनिया में कुछ बाना ही
कहला का मतलब की
कुल कमा के परी
सामने लाइका के लोग को ताकि
जीरो कुआईना
कमा के हम जीरो पानी हीरो
नहीं का
कहना है क्या
संत सेवकारी माने
लाजिया रावा के
संत सेवा कारी माने
लाजिया रावा के
जनि भुलै हा बाबू
माई की दुला रावा के
लाजिया रावा के
उससे बड़ा दुनिया में कोई होने वाला नहीं है
तो
आज माई बाबू को भी बात सुने के बाद
लेकिन मौन
घरे लागत नहीं खे
मौन तो कोई औरी बाबू चिला चाल में
राम की भजन में
प्रभू की भजन में
भक की भावना में
समय बीतत हो
घरे इलन
बहुत हन संपदी कमा के भाई जो लड़का
25 लाग कंप्यूटर इंजिनियर है
25 लाग 30 लाग रुपया जो उसके महिने की सेलरी है
बहुत कमाया रुपया पैसा
लेकिन आज उसको रुपया पैसा
एक पैसे का नहीं भा रहा है
समय जब इतल बाबू तब भी रहा की सेली में कविजी के लिखे के पर रहे है
किये अरे मूरा राम
अरे मूरा राम ने
जीवन की आशा कोरी रह गई
अरे जीवन की आशा कोरी रह गई
शाति
जीवन की आशा कोरी रह गई, साध में लीन हो गई, किश्मत की आज डोरी।
बाह, वह लड़का भक्ती भावना में रम गया, कहा कि माई, ये बाबू जी जे तनी बाय मापन गुजारा करल।
तनी हमरों को गुजारा करे दा, लेकिन घरवा का लोगवा समझ नाई पावत हुआन।
भाईल कमाशर विदेशिया के लाइन में कहेंगे भावना।
बीजादी गयल सादुव वही बंबई की सहरीया क� zest यीवन का संदे लेता।
फिर नुवसं सत्रे मुलाकार हुआ थे अगली नकरी को तयाग दिया।
अध्यात्मी पर खतन कर दिया।
इसे अध्यात्मका में ग्यान हो गया, बाबू, सबसाइबा भी झाला हुई।
खजाना पा जाता है, भाईल का, माई बाबू खोजे घर, नाही याइने बेटवाओ, अरजनिगिया मातर रखले, ओही मंदिर की तुवरिया,
जिन्दगी को अपने प्याप्त करने लगा, बाबू, बामबा देवी के, आप लोग जो भाई गए होंगे, बंबई में, बामबा देवी के, जो मंदिर है, उसी मंदिर पर अपने जीवन को यापन करने लगा,
और बैठ करके शुवह में, कुछ परसाद के रूप में पा जा रहा है, वही लड़का खा रहा है, बाबू, थोड़ा इस विराप गोर करेंगे, मैं पंकर जादो इस बात को कह रहा हूं, अपनी बेटा बेटी खाती सभे कमाता भाईया, लेकिन, कि वो अपनी मुक्ती धा
यार बाबा का, अरे नममा साहूर भैले, अरे आई महा कुम्ब प्रयाग की सहरिया, नागा साधू जुन्ड रहें, अरे बाबू भीडिया शेफे मस रहें,
अरे ले बेला गले सबाही का, वो ही बाबा हो खाबरिया,
इलाहाबाद के धर्दी पे वो लड़का आया, इंजिनियर, नागा साधू के साथ, जब आया, मीडिया शेनल वाले जब बात करने लगे,
तो वहाँ,
जो इंजिनियर शाब है, नागा साधू के साथ आये थे, जब बात होने लगी, वही प्रयाग राज में, बाबू, इलाहाबाद, प्रयाग राज, जहां हमारी तीनों नदियों का संगम होता है,
जिनको लोग कहते हैं, कि यहीं गंगा, जमना, सरसती, तीनों नदियों का संगम होता है, महा कुमुका मेला है, और छोटे-छोटे शेनल वाले, जब सभी संत, साधूओं से अपना-अपना बेवरान लेने लगे,
वहीं मैं बाबा उहो भेटा गए लेना हूँ, और जब बाबा भेटा गए लेना हूँ कोई चेनल वाले से, जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लगल माशिर, तो भैल का भी रहा मैं गीत लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय लग गई,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय,
जब बाबा का पर्चे पुष्ठाय,
जब मेडिया चेनल पहुँचल बाबो, बाबा से पर्चे पुष्ठने लगे लो,
तो बाबा बताओ थो, का बताओ थो,
बाबा बताओ थो, सगरी बात कुंभा में लाबा में,
बाबा बताओ थो, सगरी बात कुंभा में लाबा में,
पववा पखारे लगले, पववा पखारे लगले, संतन किरे लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
सबका नशीब यपना की समथ की खेलावा में
सबका नशीब यपना की समथ की खेलावा में
पापा बतावे लगले, बात सगरी में लावाने
बाप रे बाप
हाहाकार मच गया कुम्ह के मेले में
कि एक ऐसे भी बाबा आये है
शाहे अंग्रेजी में बतियाला
भुजपुरी में बतियाला
चाहे हिंदी में कोनो भासा में बतियाला
कई जगह से घुमल फिरल हुवन बाबा के सब जानकारीब है
बाह अध्यात्म का ज्ञान किये संतों के साथ
आज पूरे कुम्ह के मेले में हाहाकार मच गया
जब अपनी पूरी आपदिती को बताया
कि मैंने माँ पाप को शब को शोड़ दिया
और
आज एक जोगी फकीर का जिन्दगी जी रहा हूँ
संतों के साथ जी रहा हूँ
मुझे धन, दौलत, वैभो, संपती से मतलब नहीं है
अगर मतलब है
तो परमपिता परमिश्वर से मतलब है
हमें वो चाहिए
बाकी दुनिया में कुछ नहीं चाहिए
गीत में भाव लगें मास्टर
अरे उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
उमलत याव्या उमलत इयाव्या
जब अत्यापु का ज्ञान हुआ बाबा अभाय सिंग को
जब ज्ञान अत्यापु भाई तो वही मिलावा में कुछ शुकरे लगलन का
लोगन का दुख शमतकार कर लगलन लोगन का दुख हरे लगलन
जे के आशिर्वाद लोग एडम ठीक हो जाता है
भाईल का बाबा करे लगलन चमतकार हो
बाबा करे लगलन चमतकार हो जवानावा सासिश माँ
आशिर्वाद लोग एडम ठीक हो जाता है
बाबा करे लगलन चमतकार हो जवानावा सासिश माँ
धन्यप्र यागिराज का धर्म की बोलवली
संगप धर्म वाला धर्म के सिखवली
नहां के बाबा ए बाबा
मा बोहल नहां के तर तारू हो जहां नमाया सिसमाने
बाबों बाबा की स्वहरत होने लगी मेडिया पत्रकार वालों ने पूछा बाबा आखिरकार इतना कुल पढ़ाई लिखाई कही के
कि इतना व्यवस्था करके आप जोगी क्यों बन गए या तो आपकी गर्लफेंड होगी वह धोखा दी होगी तमाम प्रकार से
चाम स्वाल बाबा से किए जा रहे हैं लेकिन बाबा ने बताया है कि किसी त्याग इसलिए एक चीज कारण नहीं
होता बोध कारण होते हैं मैं आप लोगों से बताने चुकांडी है बाबा ने बताया इस बात को आश बाबा का नाम दुनिया
में सुहरत पर बुलंदीयों सुहरत के बुलंदीयों पर चल रहा है लेकिन बाबू सुहरत के बुलंदीयों पर चल रहा है
जिसका कारण वाइरल है आज हमारे सॉसल मेडिया है क्या बात है लेकिन बाहर परियाग राज गधरती
जहां जे जाई उकुष पा के आई
यही से हमरे कभीजी के आलहा के लाइन में लिखे के परल
का लिखे के परल
प्रयाग राज धरती
अर संगम की नगरिया बाबू
बोरे बोरे रिसी संत भाई ले आवातारिक
अईले इंजिनियर बाबा सर दूनिया में लोगावा
कोई सान माना आवार में भाई
लोगावा
बाबी चारे
बड़े साइंटिक्स रहला
रहला कैसे नमवा बाबू
बाबा या पन पातिया
कहेला सबसे लाइन
सब कुछ छोड़िके जैवा
बाबा या पन पातिया
सुर्ग के नगरिया बाबू
धाना दाउला पिया
कमाई लिया पारी
संत सेवा केली जिनगी
केली समर्पित रामा
जुट गई ले माई बापू
जुट गई ले माई बापू
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
जूतल धरधारी
कि जे जे खाड़ स्वामी गुरु जब तु की लहरे फुलवारी
क्या बात है
क्या बात है
तुरिष्ट सने ही सिरी नरायन मितबाय वदि पिहारी
तो जीवन की आसा कोरी रह गई
जीवन की आसा कोरी रह गई
पंकज शाम लाल जीवन यन बल की डोरी
जीवन की आसा कोरी रह गई
तो जीवन की आसा कोरी रह गई
अपना कोड़े जाता है
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