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Dard Rukta Nahin Ek Pal Bhi
nazakat ali
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
उदासियां जो ना लाते तो और क्या करते
ना जश्ने शोला मनाते तो और क्या करते
पर भी
इश्क की ये
सजा मिल रही है
पहले ही मुझे बर गए हम
चोट नजरूं की
बेवफा इतना एहसान कर दे कम से कम इश्क की लाज रख ले
कम से कम इश्क की लाज रख ले
दो ख़दम चल के कांधा तो दे दे
तेरे आशक की मिइयत उठी है मुझ से पहले ही मर गए हम
चोट नजरूं की ऐसी लगी है
रात कटती है गिन गिन के तारे
नीद आती नहीं एक पल भी
आंख लगती
नहीं अब हमारी
बाद ये जब इसे लगे हैं
जो तीन ज़िन गी ऐसी लगी है दर्द रुकता नहीं एक पल भी
दो कटम रह गया था किनार
यक बजक आके मोजों ने घेरा
देखो एहले साहिल तमाशा
पर परवार लगती है जो तीन ज़िन गी
आपको परवार लगती है
इस कदर मेरे दिल को निछोडा
एक कत्रा लहू काना सोडा
जगमगाती है जो
उनकी सिल्वत
वो मेरे खुन की रोशनी है मौत से पहले ही मर गये
चोट नजरूं की ऐसी लगी है दर्त रुकता नहीं
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Artist
nazakat ali
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